तब जाकर हम जी सके, प्रिये तुम्हारे बाद। तब जाकर हम जी सके, प्रिये तुम्हारे बाद।
जो छुपे हों भाव अंतर्मन में, जो सीख मिली प्रेरणा रूप में जो छुपे हों भाव अंतर्मन में, जो सीख मिली प्रेरणा रूप में
अक्षर अक्षर भाषा बनते, भाषा प्रगटे भाव विचार। अपनी भाषा अपनी बोली, निज भाषा बिन सब बेकार। अक्षर अक्षर भाषा बनते, भाषा प्रगटे भाव विचार। अपनी भाषा अपनी बोली, निज भाषा ब...
बैठो ज़रा कुछ देर तो, थोड़े सवाल जवाब करें। बैठो ज़रा कुछ देर तो, थोड़े सवाल जवाब करें।
कोई अपना समझके जो याद करे मुझे, उसे मैं हर जगह तलाशता हूँ। कोई अपना समझके जो याद करे मुझे, उसे मैं हर जगह तलाशता हूँ।
तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।